:::::वीर-ऐ-हिंदुस्थान:::::
दास्ता है ये उस वीर की,
जो सीमा पर लडा है !
सीने पे अपने गोली खाकर,
शत्रूको मारने जो खडा है !
बचपन मे देखा उसने सपना देशभक्ती का ,
कभी ना होने पाए शीश नीचा भारत मा की धरती का !
यही तो वो जुनून था जो उसे सेना की ओर लाया था,
भारत मा के प्रेम के खातिर वो घरवालो को छोड आया था !
एक ही इच्छा थी, एक ही खयाल था की सेना मे भर्ती होना है ,
जिल्लत के जीवन से बेहतर तो तिरंगे के कफन मे सोना है !
हजार दुश्मन आए सामने हर एक को उसने मारा है,
कई गोलियां झेली छातीपर, पर कभी ना खुदसे हारा है !
दुश्मन हजार क्या, दस हजार भी आएंगे तो कोई गम नही,
पर भारत मा पर उंगली उठा सके, किसीके बाप मे इतना दम नही !
क्या गुजरी होगी उस मा के दिलपर जिसके बेटे का शीश काट ले गया था साला पाकिस्तान,
कभी सोचा भी ना होगा उसने की इस तरह लाएगा यमराज उसकी मौत का फरमान !
ऐ पाकिस्तान, बंद करदे तेरी ये नामर्दानगीवाली हरकते वरना तेरा नामोनिशाण मिटा देंगे,
ये भारत मा के बेटे है, एक पल मे तेरी धरती को कब्रिस्तान बना देंगे !
इतिहास के पन्ने उठाकर देखलो,
हिंदुस्थान ने ना कभी हार मानी है ना कभी मानेगा,
तुम एक जवान को मारोगे तो दुसरा तुम्हारे मुकाबले मे उठ खडा हो जाएगा ,
और अगर कोई भारत मा पर हाथ डालने आएगा,
तो वो साला भी कसाब की तरह यही दफनाया जाएगा !
अगर माथा घुम गया हमारा तो तुम भी मान जाओगे की हिंदुस्थान तुम्हारा बाप है ,
एहसास हो जाएगा तुम्हे की हिंदुस्थान पर बुरी नजर रखना भी महापाप है
,और ना बदला तुमने तुम्हारे नापाक इरादो को तो सुनलो, एक रात मे सारा पाकिस्तान साफ है !
- विशाल आडबाल
9890300408
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