Tuesday 29 May 2018

:::::निराली मोहब्बत:::::

:::::निराली मोहब्बत:::::

ऐ सुन, जानता हूँ मैं,
तू मिलना चाहती है मुझे !
मैं तो नही आ सकता पर तू आ जाना,
मैं अपना पता देता हूँ तुझे !

मिलेंगे हम जरूर पर रात को आना,
सब सोए होंगे, Door Bell मत बजाना !
दरवाजा मैं खुला ही रखुंगा,
पर हॉं, सब सो जाने के बाद ही आना !

घर मे जब आयेगी तो होशियार रहना,
पहली Room मे मा-पापा होंगे,
और अगली Room मे मैं, मेरा भाई और मेरी बेहेना !

छुपकेसे दबे पाव आना, कोई आहट ना करना,
मुझे बस हल्केसे जगा देना !
पर घरवाले ना जाग जाये इसका खयाल रखना,
अगर गलतीसे जाग गया कोई तो मुश्किल हो जायेगा तेरा मुझे ले जाना !

मेरी बस एक बात मानना,
मुझे ले जानेसे पहले घरवालो को जी भरकर देखने देना !
क्यूकी पता है मुझे, अगर तू किसीको साथ ले जाये तो नामुमकिन होता है उसका लौट आना !

अगर आज न मिल सके तो एक दिन जरूर मिलेंगे हम, नही कोई जल्दि है !
क्यूकी सुना है मैने की, *मौत*  इंसान को एक ना एक दिन जरूर मिलती है !

*ऐ मौत* बडा खुशनसिब हूँ मैं,
जो तू इस तरह मिली मुझसे !
शायद ही ऐसा पहला इंसान हूँ मैं,
जिसे मोहब्बत हो गयी है तुझसे !

-विशाल आडबाल
  9890300408

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