Monday 8 October 2018

:::::हम:::::

:::::हम:::::

ना जाने कब आयेगा वो दिन,
जब मनमर्जिया कर सकेंगे हम !
चाहे हजारो पहरे हो दुनिया के,
पर हर दिवार तोडकर मिल सकेंगे हम !

हर दिन इसी ख्वाइश के साथ ढलता है,
के हर शाम हमारे प्यार से रंगीन कर सकेंगे हम !
चाहे घने अंधेरे हो हमारी इस प्यार की राह पर,
पर हमारी मोहब्बत की रोशनी से इस सफर को भी बडी शिद्दत से पार कर लेंगे हम !

ख्वाइश तो यही के हर पल तुम्हारे साथ रहू,
फिर क्या लाखो तुफानोंसे भी भीड जायेंगे हम !
चाहे जितने भी दुश्मन आये हमारे सामने,
बेशक उनसे भी लड जायेंगे हम !

किस्मत भी इतनी बेरहम है की मिलने ही नही देती,
लगता है शायद जीते-जी ना मिल सकेंगे हम !
पर लगन भी बडि है हमारी,
ना मिले जमीनपर तो आसमान मे मिल जायेंगे हम !

मोह ना हो हमे सिर्फ शरीरों का,
इश्क कुछ इस कदर हो के दो जिस्म - एक जान हो जायेंगे हम !
चाहे कितने भी इम्तेहान ले खुदा हमारे,
पर हमारे सच्चे प्यार के सामने उसे भी हरा देंगे हम !

- विशाल आडबाल
   9890300408

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