:::::बलात्कारी:::::
पता नही कैसे जी रहे है ऐसे लोग समाज मे,
जो हैवान तो क्या जानवर कहलाने के भी लायक नही है !
शायद भुल गया खुदा उन्हे गंदि नाली के किडे कि जिंदगी देना,
जिनकी खुदको इंसान कहलाने की औकात नही है !
किसी वेहम मे है वो की कोई कुछ नही बिगाड सकता उनका,
पर वो समझ नही रहे की उन मासुम बच्चो की बद्दुआओसे उनके पाप के घडे भर रहे है!
इन पापियो को तो नर्क मे भी जगह न मिले,
जो ऐसा शर्मनाक गुनाह करके भी खुलेआम घुम रहे है!
खुदा ना करे की ऐसा हादसा अगर उनके मा-बेटीयों के साथ हो तो क्या करेंगे वो,
जो दुसरो के घर की लक्ष्मी को अपनी हवस का शिकार बना रहे है!
आजकल तो "बलात्कार" मानो जैसे आम बात हो गयी है,
यह सब उन दरिंदो की वजह से है जो अपनी हैवानीयत छुपाने के लिये इंसानियत का झूठा नकाब पहन रहे है !
मौका मिले अगर उन नामर्दो को सजा देने का, तो कतरा कतरा बहा देंगे उनके लहू का,
जो मासूम बच्चोंपर अपनी हवस, अपनी हैवानीयत का जुल्म ढा रहे है!
और बीच चौराहे पर जलाकर राख कर देंगे उन्हे,
जो इन हरामी, दरिंदे, बलात्कारीयोंको अपने पीठ पीछे छुपा रहे है !
-विशाल आडबाल
9890300408
No comments:
Post a Comment