Wednesday 26 December 2018

:::::थोडा ये भी सिख लो:::::

:::::थोडा ये भी सिख लो:::::

सुरज की तरह चमकना है,
तो थोडा जलना भी सिख लो !
जीना चाहते हो बेशुमार,
तो थोडा मरना भी सिख लो !

रहना चाहते हो दुनियामे खुद्दारीसे,
तो थोडी खुदगर्जी भी सिख लो !
छोड दो अब औरो कि तरह जीना,
अब करना थोडी मनमर्जी भी सिख लो !

सीधे-साधे, भोले-भाले रहोगे तो खाक मे मिल जाओगे,
इसीलिए थोडासा अकडना भी सिख लो !
सिर्फ प्यार और बातो से काम ना बने,
तो थोडा झगडना भी सिख लो !

बहोत भागे हो प्यार के पिछे,
अब सपनोंके पिछे भी भागना सिख लो !
नींद मे तो बहोत सपने आते होंगे,
अब उन्हे पुरा करने के लिये थोडा जागना भी सिख लो !

बनना चाहते हो सक्त,
तो दर्द के धागे से जख्मोंको सी ना भी सिख लो !
मिटाने हो गम जिंदगी के,
तो जहर गमों का पीना भी सिख लो !

हर कामयाबी के पिछे नाकामयाबी का हाथ होता है,
इसिलिए कभी हारना भी सिख लो !
बेशक करो तुम अपने सपने पुरे,
पर कभी घरवालो कि खुशी के लिये मन मारना भी सिख लो !

अगर कोई बात बिगड सकती है हमारे कुछ कहने से,
तो वहाँ चुप रहना भी सिख लो !
कोई बुजुर्ग जब गुस्सा हो हमपर तो जायज है हमे भी गुस्सा आना,
पर हमारे संस्कारों के खातिर उसे सहना भी सिख लो !
और कुछ कहना चाहते हो किसीसे तो डरना क्या,
दिल खोलकर उसे कहना भी सिख लो !

-विशाल आडबाल
  9890300408

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