Sunday 18 March 2018

:::::ऐ दोस्त:::::

:::::ऐ दोस्त:::::

कितनी दफा कहूँ तुझको,
ऐ दोस्त हो गई गलती !
अब तो कर दे माफ,
माना की जुबान कडवी है
पर दिल है मेरा साफ !

कह देता हू मैं,
जो भी लगता है सही या गलत !
हा, थोडा सरफिरा हू,
पर कभी ना रखा मन मे कपट !

अगर साफ-साफ बोलना गुनाह है,
तो बता दो छोड दुंगा मैं !
मेरे 'तीर-ए-अल्फाज' को,
जुबान की कमान पर ही तोड दुंगा मैं !

कुछ पलों का साथ है हमारा,
इस चार दिन की जिंदगी मे !
क्यु इसे व्यर्थ करना,
दो दिन की रुसवाई मे !

मेरे अहंकार से ज्यादा,
मुझे तेरी दोस्ती प्यारी है !
यह तो सब जानते है की
'शोले' मे जय ने विरु के लिये अपनी जान हारी है !

अंत मे बस यही कहुंगा,
मेरे ऐसे गलत बरताव के लिये,
तहे दिल से है मुझे शरमिंदगी !
यह तो तुम भी जानते हो यार,
की दोस्तो मे ही है जिंदगी !!

-विशाल आडबाल
  9890300408

:::::तू:::::

:::::तू:::::

तू मेरा जुनून,
तू ही मजबूरी !
तू ही है ताकत,
तू ही कमजोरी !

हर पल-हर घडी,
तेरी ही धून मे रहता हू !
जब भी देखता हू तुझे,
पागल सा हो जाता हू !

जब भी करू इबादत,
नाम तेरा लेता हू !
उम्र तेरी लंबी हो,
बस यही दुआ करता हू !

मेरे हर हिस्से मे तू,
मेरे हर किस्से मे तू !
मेरी जुबान पर हर वक्त है तू,
सिर्फ प्यार नही मेरी दुनिया है तू !

सब पूछते है मुझे
कौन है वो....?
किससे तेरा इतना गहरा नाता है?
मैं बस कहता जाता हू,
वो मेरा 'खुदा-ए-इश्क' कहलाता है !!

-विशाल आडबाल
9890300408

:::::तू और मैं:::::

:::::तू और मै:::::

कैसे कहू क्या चाहता हू,
बस तेरे प्यार को तरसा हू मै !
हर पल तेर इंतजार है मुझको,
तेरी ही राह तकता हू मै !

तुझे छुपके से देखकर,
आंखो कि प्यास बुझाता हू मै !
मिलती है जब भी तुझसे नजर,
आंख झुका लेता हू मै !

जानता हू तू बेखबर है मेरे प्यार से,
फिर भी तुझपे ही मरता हू मै !
तुझसे बात करने को जी चाहता है,
पर तुझे देखते ही बेजुबान सा हो जाता हू मै !

सोचता हू कर दू मेरे प्यार का इजहार,
पर तुझे खोने से डरता हू मै !
सुना है एकतरफा प्यार ही अच्छा होता है,
बस यहि सोचकर सपनों की दिवार पर
हमारा नाम लिखा करता हू मै !

- विशाल आडबाल
   9890300408

::::: इंतजार:::::

:::::इंतजार:::::

पता नही क्या चाहती है,
मुझपर क्यू नाराज है तू !
कैसे बताऊ पगली तुझको,
मेरे बादशाह-ए-दिल का ताज है तू !

जब देखा था तुझे पहलीबार,
तबसे मेरा प्यार है तू !
यू ना चुरा मुझसे नजर,
मेरी आंखों का नूर है तू !

अब तो कहदे क्या गुनाह है मेरा,
क्यू मुझसे इतनी दुर है तू !
सिर्फ प्यार नही,
मेरा जुनून है तू !

इतनी भी क्या रुसवाईया,
इस बेचैन दिल का करार है तू !
अब तो बस जा मेरी दिल कि जमीन पर,
इन भीगी पलकों का 'इंतजार' है तू !

-विशाल आडबाल
  9890300408

गीत

:::::ही पोरी::::: छम छम छम छम चालतीया  गुलु गुलु गुलु गुलु बोलतीया  ही पोरी..... ही पोरी..... नजरेन घायाळ करतीया  *तो* - पिंपळाच्या पानावरती...