:::::तू और मै:::::
कैसे कहू क्या चाहता हू,
बस तेरे प्यार को तरसा हू मै !
हर पल तेर इंतजार है मुझको,
तेरी ही राह तकता हू मै !
तुझे छुपके से देखकर,
आंखो कि प्यास बुझाता हू मै !
मिलती है जब भी तुझसे नजर,
आंख झुका लेता हू मै !
जानता हू तू बेखबर है मेरे प्यार से,
फिर भी तुझपे ही मरता हू मै !
तुझसे बात करने को जी चाहता है,
पर तुझे देखते ही बेजुबान सा हो जाता हू मै !
सोचता हू कर दू मेरे प्यार का इजहार,
पर तुझे खोने से डरता हू मै !
सुना है एकतरफा प्यार ही अच्छा होता है,
बस यहि सोचकर सपनों की दिवार पर
हमारा नाम लिखा करता हू मै !
- विशाल आडबाल
9890300408
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