Thursday 14 December 2017

:::::वो और हम:::::

:::::वो और हम:::::

भुल गए हमे,
जो कहते थे हम है तुम्हारे,
वक्त पर काम ना आये,
उनसे तो अच्छे निकले
बेचारे दुश्मन हमारे,
जो हर बार कहते है
'तुझे छोडेंगे नही.'

झुकाते है हमे वो,
जितना हम झुकते है उनके सामने,
कुछ भी करो इनके लिए,
पर ये बाझ ना आते,
हमेशा ही हमे नीचा दिखाते,
उनसे तो अच्छे है मुझपर जलनेवाले,
जो मुझे उनसे बेहतर तो समझते.

ना मिला कोई हमे हमारे जैसा,
जो हमे भी समझ पाते,
हमारी बात सुनकर,
कभी हमारा कहना मानते,
पर क्या करे हम,
नसीब मे हमारे वो है,
जो हमेशा उनकी हि चलाते.

-विशाल आडबाल
  9890300408

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