:::::नसीब:::::
जबसे दिल ये टुटा है, फरेबी दुनिया ने लुटा है,
क्या कहू तबसे मेरा लोगोंसे विश्वास छुटा है !
कभी गम तो कभी खुशी रंग जिंदगी का अनुठा है,
प्यार-व्यार कुछ नही होता, यह खयाल ही झूठा है !
खुद की दुनिया मे जिना है मुझे,
इस झूठी दुनिया मे दम मेरा घुटा है !
कितना भी बुरा कहे कोई मुझे दुख नही होता,
बस यही सोचकर भुल जाता हू "नजरिया उसका छोटा है !"
जिना है तो ऐसे जियो की हर दिन आखरी है,
ऐसे जिकर क्या फायदा जिसका आधा जीवन ही बेरुखी मे कटा है !
जब भी लगे जिंदगी ने कुछ न दिया मुझे ,
बस एक नजर देख लेता हू उन्हे जो दिनभर भुखा और बदनपर कपडा फटा है !
दुनिया ने तो मुहपर तारीफ और पीठपिछे गाली ही दि है,
पर वो बाप ही है जिसने मेरी जित की उडान भरने के लिये उसके सपनो के परों को काटा है !
हर कोई दिखवा करता है अपनेपन का,
पर सच्चा साथी तो वो ही है जिसने हमारी गलतीपर हमे डाटा है !
जब भी कहू किसिको, "उसकी" बेवफाई,
हर कोई कह देता है, साला नसीब ही तेरा फुटा है !
- विशाल आडबाल
9890300408
Mst
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