Sunday 27 May 2018

:::::औकात:::::

:::::औकात:::::

औकात नही तुम्हारी मेरे जुबान पर आने की,
और दिल मे आने की बात करते हो !

बहुत सुना था औरो से तुम्हारी बुराई के बारे मे,
पर विश्वास था मेरा की तुम दिल साफ रखते हो !

अच्छा होता अगर सुन लेता लोगो की,
पर सच्चे दिल का हूँ मैं समझ न पाया तुम भी विश्वासघात करते हो !

गुरूर तो इतना है तुम्हारा की कोई महलो की राणी हो,
पर इतिहास गवाह है की शहंशाह भी टिक ना पाया,
इसीलिए संभल जाओ इससे पहले की तुम्हारी बरबादी हो !

मेरे इंसानियत की बात मत कर मैने तो दुश्मन को भी गले लगाया है,
पर तुम क्या समझोगे तुम तो दिलो-दिमाग को षडयंत्र रचने मे मशरूफ रखते हो !

चलो, मान भी लिया की दिल साफ है तुम्हारा,
पर यार तुम ही बताओ क्या तुम किसीके दिल मे बसने लायक काम करते हो !

शायद फितरत मे नही तुम्हारी किसिको मुश्किल मे काम आना,
फिर भी लोगो से मदद की उम्मीद रखते हो !

खैर, मैने तो तुम्हे मुआफ किया, सुधर जाओ अब भी मौका है,
पर याद रखना दुनिया ठुकरा देगी तुम्हारे अहंकार को जितना तुम इतराते हो !

- विशाल आडबाल
   9890300408

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