Wednesday 26 December 2018

:::::थोडा ये भी सिख लो:::::

:::::थोडा ये भी सिख लो:::::

सुरज की तरह चमकना है,
तो थोडा जलना भी सिख लो !
जीना चाहते हो बेशुमार,
तो थोडा मरना भी सिख लो !

रहना चाहते हो दुनियामे खुद्दारीसे,
तो थोडी खुदगर्जी भी सिख लो !
छोड दो अब औरो कि तरह जीना,
अब करना थोडी मनमर्जी भी सिख लो !

सीधे-साधे, भोले-भाले रहोगे तो खाक मे मिल जाओगे,
इसीलिए थोडासा अकडना भी सिख लो !
सिर्फ प्यार और बातो से काम ना बने,
तो थोडा झगडना भी सिख लो !

बहोत भागे हो प्यार के पिछे,
अब सपनोंके पिछे भी भागना सिख लो !
नींद मे तो बहोत सपने आते होंगे,
अब उन्हे पुरा करने के लिये थोडा जागना भी सिख लो !

बनना चाहते हो सक्त,
तो दर्द के धागे से जख्मोंको सी ना भी सिख लो !
मिटाने हो गम जिंदगी के,
तो जहर गमों का पीना भी सिख लो !

हर कामयाबी के पिछे नाकामयाबी का हाथ होता है,
इसिलिए कभी हारना भी सिख लो !
बेशक करो तुम अपने सपने पुरे,
पर कभी घरवालो कि खुशी के लिये मन मारना भी सिख लो !

अगर कोई बात बिगड सकती है हमारे कुछ कहने से,
तो वहाँ चुप रहना भी सिख लो !
कोई बुजुर्ग जब गुस्सा हो हमपर तो जायज है हमे भी गुस्सा आना,
पर हमारे संस्कारों के खातिर उसे सहना भी सिख लो !
और कुछ कहना चाहते हो किसीसे तो डरना क्या,
दिल खोलकर उसे कहना भी सिख लो !

-विशाल आडबाल
  9890300408

Wednesday 19 December 2018

:::::रंग:::::

:::::रंग:::::

मोहब्बत क्या चीज है ये तो सब जानते है,
हम जैसे आशिक तो इसे खुदा मानते है !

लगता था मुझे जब इश्क होगा किसीसे तो बडा खुश रहुंगा मैं !
इस मतलबी दुनिया से परे किसिकि बाहोंमे बेखौफ रहुंगा मैं !

जिसका इंतजार था आखिर वो रुत आ हि गई,
एक रोज मेरी नजरे तुमपर ठहर गई !

लगा ऐसे के जिसका इंतजार था वो ही हो तुम,
मेरी धडकन, मेरा नूर, मेरी परी हो तुम !

यू ही नजरों के खेल मे मैं तुमपर दिल हार बैठा,
बस तुझसे ही नाता जुड रहा था मानो सारी दुनिया से रिश्ता ही टुटा !

आखिर मेरे दिल की रानी बनकर तुम मेरी जिंदगी मे आयी,
मानो आसमान नगाडे बजा रहा था और इस हवा की आवाज बन चुकी थी शहनाई !

धीरे-धीरे वक्त बीत रहा था,
और तुम्हारे दिल पर लगा मोहब्बत का झूठा रंग उतरता नजर आ रहा था !

मेरे दिल को कुछ इस कदर तोडा तुमने के कोई शिशा हो,
पर यार एक दफा तो देख लिया होता इस दिल मे बस तुम ही तुम हो !

माना पैसे नही थे मेरे पास, गरीब था, तेरे शौक पूरे कर नही सकता था !
पर ये भी सच है के तेरे हर दर्द को खरीद सकता था !

खैर तुम्हे जाना था, पुरी करली तुमने मर्जी तुम्हारी,
पर यार सदा खुश रहना बस यही है दुआ हमारी !

आखिर सिख गयी मोहब्बत हमसे,
अब जिससे भी करोगी, शानदार करोगी !
चाहे मुझसे बेहतर कोई मिल भी जाए तुम्हे,
पर इस पागल दीवाने के लिये एक न एक दिन आंहे जरूर भरोगी !

-विशाल आडबाल
  9890300408

Wednesday 10 October 2018

:::::नन्ही जान:::::

:::::नन्ही जान:::::

या खुदा कैसी ये तेरी बेवफाई की कहानी है !
जिसे जिनी है अभी सारी जिंदगी,
क्या उस नन्ही जान की ही धडकन तुझे छिननी है !

अभी तो दुनिया भी ठिक से ना देखी उसने,
दुनियादारी तो बहुत दुर की बात है !
अगर ये सच है के बच्चे भगवान का रूप होते है,
तो क्यू ये जानलेवा बिमारीया उसके साथ है !

क्या गुजर रही होगी उस मासूम की मा पर, कभी सोचा है तुने,
और कुछ तो नही कह सकता मैं, पर ऐसा करके अपने पत्थर दिल का प्रमाण दिया है तुने !

जरा सोचा तो होता उसकी नादान उम्र के बारे मे,
क्यू दिल ना पिघला तेरा, जो खडा कर दिया उसे मौत के चौबारे मे !

या खुदा बताना, अब क्यु तेरे जुबान पर ताला है,
दर्द तो होगा ही ना यार, मेरे किसी अपने को भी इस बिमारी ने  पाला है !

अगर कुछ नही कर सकता तू,
तो बस एक दरखास्त है मेरी, 
उसे तो पूरी कर दे !
चाहे तू मेरी जान ले ले,
पर उन मासूमोंको जिंदगी दे दे !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Monday 8 October 2018

:::::हम:::::

:::::हम:::::

ना जाने कब आयेगा वो दिन,
जब मनमर्जिया कर सकेंगे हम !
चाहे हजारो पहरे हो दुनिया के,
पर हर दिवार तोडकर मिल सकेंगे हम !

हर दिन इसी ख्वाइश के साथ ढलता है,
के हर शाम हमारे प्यार से रंगीन कर सकेंगे हम !
चाहे घने अंधेरे हो हमारी इस प्यार की राह पर,
पर हमारी मोहब्बत की रोशनी से इस सफर को भी बडी शिद्दत से पार कर लेंगे हम !

ख्वाइश तो यही के हर पल तुम्हारे साथ रहू,
फिर क्या लाखो तुफानोंसे भी भीड जायेंगे हम !
चाहे जितने भी दुश्मन आये हमारे सामने,
बेशक उनसे भी लड जायेंगे हम !

किस्मत भी इतनी बेरहम है की मिलने ही नही देती,
लगता है शायद जीते-जी ना मिल सकेंगे हम !
पर लगन भी बडि है हमारी,
ना मिले जमीनपर तो आसमान मे मिल जायेंगे हम !

मोह ना हो हमे सिर्फ शरीरों का,
इश्क कुछ इस कदर हो के दो जिस्म - एक जान हो जायेंगे हम !
चाहे कितने भी इम्तेहान ले खुदा हमारे,
पर हमारे सच्चे प्यार के सामने उसे भी हरा देंगे हम !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Friday 27 July 2018

:::::गुरु का महत्व:::::

:::::गुरु का महत्व:::::

गुरु के बिना ज्ञान नही
ज्ञान के बिना कोई मान नही,
बिना गुरु तो ऐसी है जिंदगी
की जिस्म तो है, पर जान नही !

बुरा हो या अच्छा हो
झूठा हो या सच्चा हो ,
हम सबका कोई न कोई गुरु है
फिर चाहे वो बुढा हो या बच्चा हो !

ढुंढने जाओगे तुम दुनिया मे तो समझ जाओगे
की बिना गुरु के कोई इंसान नही,
क्युकी गुरु के बिना तो ऐसी है जिंदगी
की जिस्म तो है पर जान नही !

यारो कोई बरदाश्त नही करता किसीकी तरक्की यहाँपर,
बस गुरु ही चाहता है की हमारा बेटा, हमारा विद्यार्थी ही राज करे इस सारे जहाँपर !

इतिहास के पन्ने उठाकर देखलो,
जिसने बद्दुआ ली है किसी गुरु की
उसका नामोनिशाण नही !
नाकामयाब हो जाओ तुम किसी चिज मे,
किसी गुरु का ऐसा अरमान नही !
किस उंचाई पर ले जाए गुरु तुम्हे तुम्हारे जीवन मे,
इसका कोई अनुमान नही !
समझ जाये जो महत्व अपने गुरु का,
सही मायने मे वो समझदार है नादान नही !
क्युकी गुरु के बिना तो ऐसी है जिंदगी,
की जिस्म तो है, पर जान नही !

- विशाल आडबाल
   9890300408

::::: वीर-ऐ-हिंदुस्थान:::::

:::::वीर-ऐ-हिंदुस्थान:::::

दास्ता है ये उस वीर की,
जो सीमा पर लडा है !
सीने पे अपने गोली खाकर,
शत्रूको मारने जो खडा है !

बचपन मे देखा उसने सपना देशभक्ती का ,
कभी ना होने पाए शीश नीचा भारत मा की धरती का !

यही तो वो जुनून था जो उसे सेना की ओर लाया था,
भारत मा के प्रेम के खातिर वो घरवालो को छोड आया था !

एक ही इच्छा थी, एक ही खयाल था की सेना मे भर्ती होना है ,
जिल्लत के जीवन से बेहतर तो तिरंगे के कफन मे सोना है !

हजार दुश्मन आए सामने हर एक को उसने मारा है,
कई गोलियां झेली छातीपर, पर कभी ना खुदसे हारा है !

दुश्मन हजार क्या, दस हजार भी आएंगे तो कोई गम नही,
पर भारत मा पर उंगली उठा सके, किसीके बाप मे इतना दम नही !

क्या गुजरी होगी उस मा के दिलपर जिसके बेटे का शीश काट ले गया था साला पाकिस्तान,
कभी सोचा भी ना होगा उसने की इस तरह लाएगा यमराज उसकी मौत का फरमान !

ऐ पाकिस्तान, बंद करदे तेरी ये नामर्दानगीवाली हरकते वरना तेरा नामोनिशाण मिटा देंगे,
ये भारत मा के बेटे है, एक पल मे तेरी धरती को कब्रिस्तान बना देंगे !

इतिहास के पन्ने उठाकर देखलो,
हिंदुस्थान ने ना कभी हार मानी है ना कभी मानेगा,
तुम एक जवान को मारोगे तो दुसरा तुम्हारे मुकाबले मे उठ खडा हो जाएगा ,
और अगर कोई भारत मा पर हाथ डालने आएगा,
तो वो साला भी कसाब की तरह यही दफनाया जाएगा !

अगर माथा घुम गया हमारा तो तुम भी मान जाओगे की हिंदुस्थान तुम्हारा बाप है ,
एहसास हो जाएगा तुम्हे की हिंदुस्थान पर बुरी नजर रखना भी महापाप है
,और ना बदला तुमने तुम्हारे नापाक इरादो को तो सुनलो, एक रात मे सारा पाकिस्तान साफ है !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Tuesday 29 May 2018

:::::निराली मोहब्बत:::::

:::::निराली मोहब्बत:::::

ऐ सुन, जानता हूँ मैं,
तू मिलना चाहती है मुझे !
मैं तो नही आ सकता पर तू आ जाना,
मैं अपना पता देता हूँ तुझे !

मिलेंगे हम जरूर पर रात को आना,
सब सोए होंगे, Door Bell मत बजाना !
दरवाजा मैं खुला ही रखुंगा,
पर हॉं, सब सो जाने के बाद ही आना !

घर मे जब आयेगी तो होशियार रहना,
पहली Room मे मा-पापा होंगे,
और अगली Room मे मैं, मेरा भाई और मेरी बेहेना !

छुपकेसे दबे पाव आना, कोई आहट ना करना,
मुझे बस हल्केसे जगा देना !
पर घरवाले ना जाग जाये इसका खयाल रखना,
अगर गलतीसे जाग गया कोई तो मुश्किल हो जायेगा तेरा मुझे ले जाना !

मेरी बस एक बात मानना,
मुझे ले जानेसे पहले घरवालो को जी भरकर देखने देना !
क्यूकी पता है मुझे, अगर तू किसीको साथ ले जाये तो नामुमकिन होता है उसका लौट आना !

अगर आज न मिल सके तो एक दिन जरूर मिलेंगे हम, नही कोई जल्दि है !
क्यूकी सुना है मैने की, *मौत*  इंसान को एक ना एक दिन जरूर मिलती है !

*ऐ मौत* बडा खुशनसिब हूँ मैं,
जो तू इस तरह मिली मुझसे !
शायद ही ऐसा पहला इंसान हूँ मैं,
जिसे मोहब्बत हो गयी है तुझसे !

-विशाल आडबाल
  9890300408

Monday 28 May 2018

:::::उलझन:::::

:::::उलझन:::::

तेरा दिल - मेरा दिल
इन दिलों की उलझनों मे उलझा हूँ मैं !
इन उलझनों को सुलझाने मे,
तुझे मेरे दिल की बात कहना ही भुला हूँ मैं !

तेरे दिल मे खुदको ढुंढना है मुझे,
कहाँ खोया हूँ, बस यह ही जानना है मुझे !

जिस दिन ना दिखे तू,
दिल मेरा तडपता है !
तुझे एक बार देखने के लिये,
यह पागल मारा - मारा फिरता है !

कैसे कहूँ मैं,
तुझे अपना बनाने के लिये,
दिल मेरा कितना चाहता है  !
तेरा मुझे देखके भी अनदेखा करना,
मुझे कितना रुलाता है !

बता दे बस एक बार,
तेरे-मेरे दिल की यह उलझन कब सुलझेगी ?
और तेरे मोहब्बत के प्यासे इस दिवाने की प्यास कब बुझेगी ?

- विशाल आडबाल
   9890300408

:::::याद:::::

:::::याद:::::

युही छोड गए आप हमे अकेले,
जरासा भी नही सोचा क्या होगा हमारा !

आपने तो बस खुदकाही मतलब देखा,
जरा मुडकर तो देखा होता हमे दोबारा !

हो जाती है खता हमसे भी भुलकर कभी,
पर सचमे, आपका दिल दुखाने का इरादा नही होता हमारा !

बहुत याद आती है आपके साथ बिताये उन लम्हों की,
हर पल आंखों के सामने होता है वो हसीन नजारा !

खैर, जीद पुरी कर ली तुमने हमे छोडकर जाने की,
पर खुशनसिब है हम, जो हर मुश्किल मे साथ मिला तुम्हारा !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Sunday 27 May 2018

:::::ऐ मा कहा है तू:::::

:::::ऐ मा कहा है तू:::::

दुनिया तो झूठी निकली,
बस तेरा प्यार ही सच्चा था !
नजाने क्यू बडा हो गया मैं,
तेरे ऑंचल की छाव मे बिताया वो बचपन ही अच्छा था !
मेरी हर गलती की मुआफी थी तू,
ऐ मा बताना कहा चली गयी है तू.....?

बचपनमे घर की दहलीज पर कदम रखते ही तुझे ढुंढने लग जाता था,
तुझे देखे बिना दिल मेरा चैन नही पाता था !
आजकल तो घर की तरफ कदम ही नही मुडते,
क्यूकी मेरी रुह का सुकुन थी तू,
ऐ मा बोल देना एक बार कहा है तू.....?

जब भी ठोकर लगे तो मुह से बस "मा" ही निकलता है,
ऐसा लगता है तू दौडकर आयेगी मेरे पास और पुछेगी "क्या हुआ बेटा-तू कैसा है ?"
कैसे बताऊ मा तुझको मेरे रोते दिल का इंतजार है तू,
अब तो लौटकर आ जा ना मा कहा है तू.....?

जुनून तो आसमान छुने का था,
तेरे चरणों की धुल को माथे पर लगाकर जीना था,
तेरे लिये कुछ कर दिखाने का सपना था,
पर आज खुद एक ख्वाब बन गयी है तू,
ऐ मा आ जा ना, क्यू मुझे तडपा रही है तू.....?

लोग तो चले जाते है दुआ करने मंदिरों और मस्जिदों मे,
तू ही बता कहा जाऊ मैं,
मेरी दरगाह, मेरी मस्जिद, मेरा मंदिर है तू,
ऐ मा कह दे ना कहा है तू.....?

बेटा तेरा अकेला है अब तो वापस आ जा,
कहा छुपकर बैठी है अब तो बाहर आ जा,
लोग कहते है, यह लुपाछुपी नही,
अब इस दुनिया मे नही रही तू,
पर मा विश्वास है मुझे की आज भी मेरे साथ है तू,
दुनिया चाहे कुछ भी कहे,
पर मेरे दिल मे आज भी जिंदा है तू....!!!!

- विशाल आडबाल
   9890300408

:::::औकात:::::

:::::औकात:::::

औकात नही तुम्हारी मेरे जुबान पर आने की,
और दिल मे आने की बात करते हो !

बहुत सुना था औरो से तुम्हारी बुराई के बारे मे,
पर विश्वास था मेरा की तुम दिल साफ रखते हो !

अच्छा होता अगर सुन लेता लोगो की,
पर सच्चे दिल का हूँ मैं समझ न पाया तुम भी विश्वासघात करते हो !

गुरूर तो इतना है तुम्हारा की कोई महलो की राणी हो,
पर इतिहास गवाह है की शहंशाह भी टिक ना पाया,
इसीलिए संभल जाओ इससे पहले की तुम्हारी बरबादी हो !

मेरे इंसानियत की बात मत कर मैने तो दुश्मन को भी गले लगाया है,
पर तुम क्या समझोगे तुम तो दिलो-दिमाग को षडयंत्र रचने मे मशरूफ रखते हो !

चलो, मान भी लिया की दिल साफ है तुम्हारा,
पर यार तुम ही बताओ क्या तुम किसीके दिल मे बसने लायक काम करते हो !

शायद फितरत मे नही तुम्हारी किसिको मुश्किल मे काम आना,
फिर भी लोगो से मदद की उम्मीद रखते हो !

खैर, मैने तो तुम्हे मुआफ किया, सुधर जाओ अब भी मौका है,
पर याद रखना दुनिया ठुकरा देगी तुम्हारे अहंकार को जितना तुम इतराते हो !

- विशाल आडबाल
   9890300408

:::::नसीब:::::

:::::नसीब:::::

जबसे दिल ये टुटा है, फरेबी दुनिया ने लुटा है,
क्या कहू तबसे मेरा लोगोंसे विश्वास छुटा है !

कभी गम तो कभी खुशी रंग जिंदगी का अनुठा है,
प्यार-व्यार कुछ नही होता, यह खयाल ही झूठा है !

खुद की दुनिया मे जिना है मुझे,
इस झूठी दुनिया मे दम मेरा घुटा है !

कितना भी बुरा कहे कोई मुझे दुख नही होता,
बस यही सोचकर भुल जाता हू "नजरिया उसका छोटा है !"

जिना है तो ऐसे जियो की हर दिन आखरी है,
ऐसे जिकर क्या फायदा जिसका आधा जीवन ही बेरुखी मे कटा है !

जब भी लगे जिंदगी ने कुछ न दिया मुझे ,
बस एक नजर देख लेता हू उन्हे जो दिनभर भुखा और बदनपर कपडा फटा है !

दुनिया ने तो मुहपर तारीफ और पीठपिछे गाली ही दि है,
पर वो बाप ही है जिसने मेरी जित की उडान भरने के लिये उसके सपनो के परों को काटा है !

हर कोई दिखवा करता है अपनेपन का,
पर सच्चा साथी तो वो ही है जिसने हमारी गलतीपर हमे डाटा है !

जब भी कहू किसिको, "उसकी" बेवफाई,
हर कोई कह देता है, साला नसीब ही तेरा फुटा है !

- विशाल आडबाल
   9890300408

:::::जुनून:::::

:::::जुनून:::::

यु ही चल रहा है सिलसिला मेरी जिंदगी का,
ना तो जी पा रहा हूँ, ना ही मर पा रहा हूँ,
बस हर पल, हर दम धोखे ही मिल रहे है !

शायद दस्तूर ही है ये दुनिया का,
मुझे हराने की साजिश मे वो खुद जिना भुल गये है !

इज्जत मे बेइज्जती करने मे तो माहीर है ये दुनिया,
कभी ना किये हुए गुनाहों का इल्जाम मुझपर लगा रहे है !

मुल्जिम भी न था कभी, इन्होने तो मुज्रिम करार कर दिया,
शायद मुझे नीचा दिखाने के लिये इन्हे बहाने न मिल रहे है !

बहुत सहा है दुनिया का सितम, पर अब नही,
क्युकी जुनून के मेरे जो बुझे दिये थे अब वो शोलो मे बदल रहे है !

मिन्नते करना तो दुर की बात है, किसी चीज की मांग भी न करुंगा,
मेरा जमीर, मेरे संस्कार मुझे खुद के दम पर जीना सिखा रहे है !

सुन लो ऐ दुनियावालो माना की जरा नादान हूँ,
मगर मेरा हौसला और मेरी शिद्दत मुझे जिताने मे दिन-रात एक कर रहे है !

चाहे लगालो जोर जितना, हिम्मत दिखादो अपनी,
पर मैं ना हार मानुंगा,
मेरी मंजिल-मेरे सपने मुझे बुला रहे है !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Monday 16 April 2018

:::::बलात्कारी:::::

:::::बलात्कारी:::::

पता नही कैसे जी रहे है ऐसे लोग समाज मे,
जो हैवान तो क्या जानवर कहलाने के भी लायक नही है !

शायद भुल गया खुदा उन्हे गंदि नाली के किडे कि जिंदगी देना,
जिनकी खुदको इंसान कहलाने की औकात नही है !

किसी वेहम मे है वो की कोई कुछ नही बिगाड सकता उनका,
पर वो समझ नही रहे की उन मासुम बच्चो की बद्दुआओसे उनके पाप के घडे भर रहे है!

इन पापियो को तो नर्क मे भी जगह न मिले,
जो ऐसा शर्मनाक गुनाह करके भी खुलेआम घुम रहे है!

खुदा ना करे की ऐसा हादसा अगर उनके मा-बेटीयों के साथ हो तो क्या करेंगे वो,
जो दुसरो के घर की लक्ष्मी को अपनी हवस का शिकार बना रहे है!

आजकल तो "बलात्कार" मानो जैसे आम बात हो गयी है,
यह सब उन दरिंदो की  वजह से है जो अपनी हैवानीयत छुपाने के लिये इंसानियत का झूठा नकाब पहन रहे है !

मौका मिले अगर उन नामर्दो को सजा देने का, तो कतरा कतरा बहा देंगे उनके लहू का,
जो मासूम बच्चोंपर अपनी हवस, अपनी हैवानीयत का जुल्म ढा रहे है!

और बीच चौराहे पर जलाकर राख कर देंगे उन्हे,
जो इन हरामी, दरिंदे, बलात्कारीयोंको अपने पीठ पीछे छुपा रहे है !

-विशाल आडबाल 
  9890300408

Sunday 1 April 2018

:::::मा-बाप:::::

:::::मा-बाप:::::

बहुत ठोकरे लगती है,
नाकामयाब होनेपर !
कौन अपना-कौन पराया?
ये पता चलता है बुरे समयपर !

मा-बाप ही देते है साथ,
सब हमे छोड जानेपर !
होता है विश्वास उन्हे,
ये करेगा जीत हासिल अपनी नाकामयाबीपर !

कोई नही होता किसीका,
सब जीते है स्वार्थपर !
दोस्ती भी हो तो निस्वार्थ,
ना हो सिर्फ मतलबपर !

मा-बाप ही देते है आशा,
हिम्मत हम हारनेपर !
दिखाते है सही दिशा,
जिंदगी मे हम भटक जानेपर !

नहि हो सकती किमत,
मा की ममता की,
और बाप की क्षमता की !
समझ आती है किमत उनकी,
वे इस दुनिया मे ना होनेपर !

-विशाल आडबाल
  9890300408

Sunday 18 March 2018

:::::ऐ दोस्त:::::

:::::ऐ दोस्त:::::

कितनी दफा कहूँ तुझको,
ऐ दोस्त हो गई गलती !
अब तो कर दे माफ,
माना की जुबान कडवी है
पर दिल है मेरा साफ !

कह देता हू मैं,
जो भी लगता है सही या गलत !
हा, थोडा सरफिरा हू,
पर कभी ना रखा मन मे कपट !

अगर साफ-साफ बोलना गुनाह है,
तो बता दो छोड दुंगा मैं !
मेरे 'तीर-ए-अल्फाज' को,
जुबान की कमान पर ही तोड दुंगा मैं !

कुछ पलों का साथ है हमारा,
इस चार दिन की जिंदगी मे !
क्यु इसे व्यर्थ करना,
दो दिन की रुसवाई मे !

मेरे अहंकार से ज्यादा,
मुझे तेरी दोस्ती प्यारी है !
यह तो सब जानते है की
'शोले' मे जय ने विरु के लिये अपनी जान हारी है !

अंत मे बस यही कहुंगा,
मेरे ऐसे गलत बरताव के लिये,
तहे दिल से है मुझे शरमिंदगी !
यह तो तुम भी जानते हो यार,
की दोस्तो मे ही है जिंदगी !!

-विशाल आडबाल
  9890300408

:::::तू:::::

:::::तू:::::

तू मेरा जुनून,
तू ही मजबूरी !
तू ही है ताकत,
तू ही कमजोरी !

हर पल-हर घडी,
तेरी ही धून मे रहता हू !
जब भी देखता हू तुझे,
पागल सा हो जाता हू !

जब भी करू इबादत,
नाम तेरा लेता हू !
उम्र तेरी लंबी हो,
बस यही दुआ करता हू !

मेरे हर हिस्से मे तू,
मेरे हर किस्से मे तू !
मेरी जुबान पर हर वक्त है तू,
सिर्फ प्यार नही मेरी दुनिया है तू !

सब पूछते है मुझे
कौन है वो....?
किससे तेरा इतना गहरा नाता है?
मैं बस कहता जाता हू,
वो मेरा 'खुदा-ए-इश्क' कहलाता है !!

-विशाल आडबाल
9890300408

:::::तू और मैं:::::

:::::तू और मै:::::

कैसे कहू क्या चाहता हू,
बस तेरे प्यार को तरसा हू मै !
हर पल तेर इंतजार है मुझको,
तेरी ही राह तकता हू मै !

तुझे छुपके से देखकर,
आंखो कि प्यास बुझाता हू मै !
मिलती है जब भी तुझसे नजर,
आंख झुका लेता हू मै !

जानता हू तू बेखबर है मेरे प्यार से,
फिर भी तुझपे ही मरता हू मै !
तुझसे बात करने को जी चाहता है,
पर तुझे देखते ही बेजुबान सा हो जाता हू मै !

सोचता हू कर दू मेरे प्यार का इजहार,
पर तुझे खोने से डरता हू मै !
सुना है एकतरफा प्यार ही अच्छा होता है,
बस यहि सोचकर सपनों की दिवार पर
हमारा नाम लिखा करता हू मै !

- विशाल आडबाल
   9890300408

::::: इंतजार:::::

:::::इंतजार:::::

पता नही क्या चाहती है,
मुझपर क्यू नाराज है तू !
कैसे बताऊ पगली तुझको,
मेरे बादशाह-ए-दिल का ताज है तू !

जब देखा था तुझे पहलीबार,
तबसे मेरा प्यार है तू !
यू ना चुरा मुझसे नजर,
मेरी आंखों का नूर है तू !

अब तो कहदे क्या गुनाह है मेरा,
क्यू मुझसे इतनी दुर है तू !
सिर्फ प्यार नही,
मेरा जुनून है तू !

इतनी भी क्या रुसवाईया,
इस बेचैन दिल का करार है तू !
अब तो बस जा मेरी दिल कि जमीन पर,
इन भीगी पलकों का 'इंतजार' है तू !

-विशाल आडबाल
  9890300408

Tuesday 20 February 2018

:::::वक्त:::::

:::::वक्त:::::
कल तक जो साथ थे,
मेरा बुरा वक्त देखकर
छोड दिया मेरा साथ,
आज भी याद है मुझे
उनकी हर एक बात ,
कल तक जो कहते थे
"तु बहुत आगे जायेगा",
आज कहने लगे ,
"मा-बाप का नाम
मिट्टी मे मिलायेगा !

"कितनी खुदगर्ज़ है दुनिया,
जब तक हो जेब मे पैसा
तो पुछती है ,
कैसे हो मिया
नहीं तो जानबुझकर
चुराती है अखीया !

हो चाहे दुनिया कितनी भी बेवफा ,
ना होना तू कभी
मा-बाप से खफा ,
की अगर तुने ये खता ,
तो टुट जायेगा
ईश्वर से नाता !

यह मत सोच की
क्या कहेगी दुनिया,
बस कभी मत खोना,
परिवार का साया,
क्यूकी दुनिया तो है मोह- माया
और जन्नत है तेरे परिवार कि छाया !

सच कहा है किसीने
"दुनिया ये गोल है,
अंदर से पोल है,
रुपये का मोल है,
बाकी सब झोल है !"

-विशाल आडबाल
9890300408

:::::राजमाता जिजाऊ:::::

:::::राजमाता जिजाऊ:::::

जय जय जिजाऊ राजमाता,
तुझ्या चरणी अर्पण हा जन्म,
सदा नमतो हा माथा !

तुझ्याविना नसता शिवबाच्या ही जन्माला अर्थ
तुच आई ,तुच शिक्षक
तुच शिवबाच सामर्थ्य !

तुझ्या दिव्यपराक्रमान राखली महाराष्ट्राची शान
तुझ्या संस्कारांनी घडविले राजे छत्रपती शिलवान !

मर्दानी तु आई या मावळ्यांची ,
तुझ्या विना नसती ,
स्थापना 'स्वराज्या'ची !

तु आईसाहेब सा-या मराठ्यांची ,
तुझ्या शब्दावर जान हाजिर ,
या मर्द मावळ्यांची !

आई तु त्या शिवबाची,
मोडीला अहंकार ज्याने मुगलांचा,
सदैव बाळगतो अभिमान
या महाराष्ट्राच्या मातीत जन्मल्याचा !

- विशाल आडबाल
9890300408

:::::ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले:::::

:::::ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले:::::

हे माता साऊ
तुझे कसे मी गुण गाऊ !

तुजवाचून नसता मुलींना हक्क
शिक्षणाचा ,
त्यांच्या हक्कांसाठी सोसला तू मार दगड- धोंड्यांचा !

तू फोडीला अंधश्रद्धेचा पहाड ,
जाऊनी अज्ञानी रुढी परंपरेच्या पल्ल्याड !

माईसावित्री नसती जर तू ,
तर बहुजन हे शिकले नसते,

चुल आणि मुल, 

फक्त हेच मुलींचे आयुष्य बनले असते !

गोरगरीब - दलितांसाठी ठरलीस तु शिक्षण देवता,
नतमस्तक होतो तुझ्यापुढे मी अहंकारी ही आता !

उच्च-निच , भेदभावाच्या भिंतीला दिलास तु तडा ,
सगळ्यांच्याच अंगणात पडतोय आज एकात्मतेचा सडा !

जोतीबाच्या साथीनं जिंकलेस तू ,
तुझ्या अविश्वसनीय स्वप्नांना ,
शतशः नमन करतो ,
तुम्हा शिक्षणाच्या दात्यांना !

- विशाल आडबाल
9890300408

Sunday 28 January 2018

:::::मै चाहता हूँ.....:::::

:::::मै चाहता हूँ.....:::::

प्रतिमा अपनी ऐसी हो ,
जन-जन के हृदय पर राज हो !
मन हो जैसे निर्मल पावन ,
ना कपट कुटिल का वास हो !

ना हो कभी अनुचित कर्म ,
पथ सदैव सच्चाई का हो !
ना हो कलेजे मे द्वेष-अगन ,
शितल-निस्वार्थ का गृह बना हो !

मेरे दाता , मेरे रब सबको ,
अच्छे-बुरे का ज्ञान हो !
मै चाहता हू धरती पर ,
मनुजता का सदा ही अस्तित्व हो !

बुराई का करे सर्वनाश ,
इतना प्रबल यह मानव धर्म हो !
नारी शक्ती हो इतनी सशक्त ,
हर अत्याचार का संहार हो !

आज हो कल हो, हरपल-प्रतिपल हो ,
न्याय के समक्ष अन्याय के सदा ही झुके भाल हो !

ऑंच आए जब भी 'भारत मॉ' के ऑंचल पर ,
हर युवक 'शेर भगत सिंह' हो ,
हर तरुणी 'मर्दानी लक्ष्मीबाई' हो !

- विशाल आडबाल
   9890300408

Tuesday 16 January 2018

:::::खुदखुशी:::::

:::::खुदखुशी:::::

ना जाने क्यू करते है लोग खुदखुशी ,
क्या उन्हे जिने की उम्मीद नही होती !
अगर समझ जाते जिंदगी के रंग अनेक ,
तो यू जान देने की कभी गलती ना होती !

जिंदगी एक जुआ है ,
जीत हार तो होनी है !
मुश्किले आए जितनी भी ,
ताकत हमारी लगानी है !

मरना भी क्या जीवन से हारकर,
समस्या ऐसे हल नही होती !
जीवन का सुरज अगर डुब जाए ,
तो उसकी सुबह नहि होती !

सत्य का स्वीकार करो ,
जिंदगी आसान हो जाएगी !
कभी मत खोना अपना संयम ,
जिने की नई राह मिल जाएगी !

लाख मुश्किले आए ,
हर हाल मे उनसे टकराना सिखो !
यह जिंदगी एक ही बार है ,
मुस्कुराकर जिना सिखो !
इम्तेहानो का सागर है यह जिंदगी ,
बस इस सागर को पार करना सिखो !

- विशाल आडबाल
  9890300408

Tuesday 9 January 2018

:::::काळीज:::::

     :::::काळीज:::::

काळीज माझ-काळीज तुझ,
या काळजांच्या गुंत्यात गुंतलोय मी !
हा गुंता सोडवता सोडवता,
तुला माझ्या काळजातलच
सांगायला विसरलो मी !

तुझ्या काळजाच्या खोल गाभाऱ्यात
डोकावुन पहावस वाटत !
कुठे हरवलोय का.....?
मला शोधवस वाटतं !

ज्या दिवशी नाही दिसतेस तू, 
काळीज माझ रडु लागत !
अन तुझ्या एका नजरेसाठी,
हे वेड सैरा वैरा पळत सुटत !

कस सांगु मी...?
तुला आपलसं करण्यासाठी,
काळीज माझ किती धडपडत असत !
तू बघून करताच अनोळखी,
हे क्षणोक्षणी किती जळत असत!

सांग तरी सखे मला,
तुझ्या दगडायच्या काळजाला,
कधी पाझर फुटणार गं !
अन माझ्या प्रेमाच्या पान्ह्याची,
कधी घागर भरणार गं !

-विशाल आडबाल  
9890300408

गीत

:::::ही पोरी::::: छम छम छम छम चालतीया  गुलु गुलु गुलु गुलु बोलतीया  ही पोरी..... ही पोरी..... नजरेन घायाळ करतीया  *तो* - पिंपळाच्या पानावरती...